सहायक कमांडेंट का शव गांव पहुंचते कोहराम
गोली मारकर खुदकुशी करने वाले बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट विजय बहादुर यादव का शव शनिवार को उनके पैतृक गांव गोहका लाया गया। शव पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजनों के करुण-क्रंदन से हर आंख नम हो गयी। तिरंगे में लिपटे पति का शव देखते ही पत्नी बेसुध हो गई। इस बीच, परिजनों के बीएसएफ जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग पर आईजी रैंक के अधिकारी से दो बार बात की गई। उधर, राज्यमंत्री, सांसद, डीएम व एसपी समेत कई लोगों ने दिवंगत बीएसएफ जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले जम्मू से असिस्टेंट कमांडर मोहित कुमार विजय बहादुर यादव का शव लेकर गोहका पहुंचे थे। गुरुवार को बीएसएफ जवान विजय बहादुर यादव के गोली मारकर खुदकुशी करने के कारण का पता नहीं चल सका है। दो दिन बाद शनिवार को उनका शव यहां गोहका गांव पहुंचने की सूचना मिलने के बाद सूबे के मंत्री गिरीश चन्द्र यादव, मछलीशहर के सांसद बीपी सरोज, डीएम दिनेश सिंह और एसपी अशोक कुमार दिवंगत जवान के घर पहुंच गए। इस दौरान दिवंगत जवान के बेटे विनोद कुमार, विकास व उनके चाचा हंसराज यादव सहित गांव के लोग उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़ गए। इस पर जम्मू से शव लेकर आने वाले असिस्टेंट कमांडेंट मोहित कुमार ने बताया कि बीएसएफ जवान की मृत्य के बाद लोकल पुलिस व बीएसएफ ने दो-दो मुकदमे दर्ज किए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट नही आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें शहीद का दर्जा देने पर विचार किया जाएगा।असिस्टेंट कमांडेंट के जानकारी देने के बाद भी दिवंगत जवान के परिजन और ग्रामीण उन्हें शहीद का दर्जा देने के बाद ही अंत्योष्टि करने पर अड़े हुए थे। इस बीच, दिवंगत जवान को शहीद का दर्जा देने के सिलसिले में परिजनों की बीएसएफ के आईजी रैंक के अधिकारी से दो बार बात भी कराई गयी। अफसर ने दिवंगत जवान के बेटे विनोद कुमार से बात कराई। इसके बाद भी कोई बात नहीं बनी। काफी जद्दोजहद के बाद लोगों के समझाने पर परिजनों ने जौनपुर में रामघाट पर दिवंगत जवान का अंतिम-संस्कार कर दिया। शाहगंज विधायक शैलेन्द्र यादव ने भी दिवंगत जवान को श्रद्धासुमन अर्पित किया।